ओवरब्रिज की मांग यथावत, राहगीरों की बढ़ी मुसीबत

जमानियाँ(ग़ाज़ीपुर)। प्रति वर्ष ट्रेनों की संख्या बढ़ जाने कारण स्टेशन बाजार व एनएच-24 बाईपास रेलवे क्रासिंग पर पूरा दिन भीषण जाम लग रहा है। जिसके कारण पास स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मरीजों, विद्यार्थियों और अन्य राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग घंटों जाम में फंसे रहने के विवश हो जाते है तथा रेलवे क्रासिंग खुलने पर वाहन निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
*करीब 200 ट्रेनों का होता है प्रतिदिन आवागमन*
मुख्य रेल मार्ग होने के कारण इस रूट पर मालगाड़ी और सवारी गाड़ी सहित प्रतिदिन लगभग 200 ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। जबकि कुम्भ स्पेशल, होली स्पेशल व पूजा स्पेशल ट्रेनों के बढ़ जाने से ट्रेनों की और भी संख्या बढ़ जाती है, साथ ही ट्रैक मरम्मत व विद्युत मरम्मत करने वाली मशीन का भी समय-समय पर आवागमन होता है। व्यस्त रेलवे ट्रैक होने के कारण एक बार रेल फाटक बंद हुआ तो दो से तीन ट्रेनों को निकला जाता है। रेल फाटक खुलते ही तेजी से वाहन रेलवे क्रासिंग क्रांस करने लगते है लेकिन वाहनों की लम्बी कतार के कारण काफी मसक्कत करते हुए कुछ ही वाहन ट्रैक क्रॉस कर पाते है तभी दूसरी ट्रेन का समय हो जाता है और फाटक को पुनः बंद करने के लिए गेट मैन को भी कड़ी मसक्कत करना पड़ता है। कभी-कभी फाटक समयानुसार न बंद हो पाने के कारण सिग्नल क्लियर नहीं हो पाता है तथा ट्रेनों को भी रुक जाना पड़ता है। रेलवे क्रासिंग पार करने में कभी- कभी घंटे भर लग जाते है। जिससे स्कूली बस, मरीज वाहन सहित राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
*वर्षो से हो रहा ओवर ब्रिज का मांग*
क्षेत्रीय लोग बीते दो दशक से इस रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज की मांग कर रहे हैं। लेकिन यहां लोगों की समस्या को स्थानीय प्रशासन और रेल प्रशासन गंभीरता से नहीं लिया। केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद गाजीपुर के तत्कालिन सांसद मनोज सिन्हा को रेल राज्य मंत्री बनाया गया तो क्षेत्रीय लोगों को विश्वास हुआ कि ओवर ब्रिज की मांग पूर्ण हो जायेगी लेकिन मांग यथावत ही रह गई। बढ़ती वाहनों की संख्या और रेल रूट पर बढ़ता ट्रेनों का संचालन, लोगों की मुसीबतों को बढ़ाता जा रहा है।
