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हद है!मामला छेड़छाड़ का नहीं, कुछ और लग रहा है

गाजीपुर। ग्रामीण महिला सफाई कर्मी और जिला पंचायत राज अधिकारी का वीडियो सोशल मीडिया पर धमाल मचाया हुआ है। दोनों के मध्य‌ किस बात को लेकर विवाद हुआ यह सिर्फ दो लोग ही जानते हैं एक महिला सफाई कर्मचारी और दूसरे जिला पंचायत राज अधिकारी। 3 मार्च 2025 को दोनो के मध्य का विवाद उस समय सार्वजनिक हुआ जब महिला सफाई कर्मी ने जिला पंचायत राज अधिकारी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। वीडियो वायरल होते ही मीडियाकर्मी डीपीआरओ कार्यालय के तरफ दौड़ पड़े। वायरल वीडियो में महिला कर्मचारी खुद कह रही है कि वह वर्षों से जिला पंचायतराज अधिकारी के घर पर रहकर उनके बच्चे की देखभाल करने के साथ ही घर का कामकाज भी करती थी। महिला कर्मचारी और जिला पंचायत राज अधिकारी के मध्य विवाद कब और क्यों शुरू हुआ यह तो वही दोनों जाने लेकिन दोनों पक्ष के द्वारा जो एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप  लगाए जा रहे हैं उसके अनुसार 1 फरवरी 2025 से महिला सफाई कर्मी अपने कार्यस्थल करंडा विकास खंड अंतर्गत ग्राम लालनपुर में अनुपस्थित चल रही थी इस बात से ग्राम प्रधान और सचिव ने एडीओ( पंचायत) करण्डा को 25 फरवरी 25 को अवगत कराया। 28 फरवरी को एडीओ पंचायत करण्डा ने डीपीआरओ को महिला सफाई कर्मचारी के अपने काम से अनुपस्थित होने का आरोप लगाते हुए पत्र दिया । अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि 1 फरवरी 2025 से पूर्व महिला सफाई कर्मचारी कहां थी? और इससे पहले ग्राम प्रधान और सचिव ने उसके अनुपस्थित पर सवाल क्यों नहीं उठाया? महिला सफाई कर्मचारी खुद अपने वायरल वीडियो में कह रही है कि वह वर्षों से जिला पंचायत राज अधिकारी के आवास पर उनके बच्चे की देखभाल सहित घर का भी काम करती थी। वायरल वीडियो में महिला सफाई कर्मचारी ने यह भी कहा है  कि इनकी पत्नी भी सरकारी कर्मचारी हैं तो स्वाभाविक है की बच्चे की देखभाल के लिए एक आया की जरूरत होती है। संभवत आया के रूप में ही महिला सफाई कर्मचारी को जिला पंचायत राज अधिकारी ने अपने आवास पर रखा हो ?  तमाम ग्रामीण सफाई कर्मचारी विकास भवन जो कि जिला मुख्यालय पर स्थित है , विकास भवन के इर्द-गिर्द सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक तमाम ग्रामीण सफाई कर्मचारी नेता घूमते रहते हैं लेकिन इनसे कोई कार्यस्थल जाने के लिए पूछने वाला नहीं है। इसी तरह से तमाम ग्रामीण सफाई कर्मियों का गौशालाओं पर तौनात हुई है, तो तमाम सफाई कर्मी अधिकारियों के आवास से लेकर के कार्यालय तक का काम देख रहे हैं, लेकिन उनके ग्राम प्रधान और सचिव कभी भी ना तो एडीओ पंचायत से शिकायत करते हैं ना तो जिला पंचायत राज अधिकारी से शिकायत करते हैं। गाहे-बगाहे कोई ग्रामीण अनुपस्थित सफाई कर्मियों की शिकायत जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी से या तहसील दिवस या जनता दर्शन में करते हुए नजर आते हैं । वहीं कई सफाई कर्मचारियों ने नाम ना लिखने के शर्त पर बताया कि इस महिला सफाई कर्मचारियों ने कई सफाई कर्मियों के स्थानांतरण का ठेका भी ले रखा था लेकिन जिन सफाई कर्मियों के स्थानांतरण का ठेका ले रखा था उनका स्थानांतरण नहीं होने पर सफाई कर्मियों ने स्थानांतरण के लिए दिए गए प्रसाद को वापस मांगना शुरू कर दिया।इसलिए महिला सफाई कर्मचारी दबाव में आ गई। वैसे चाइल्ड केयर के लिए यह महिला सफाई कर्मचारी इससे पहले भी एक अधिकारी के आवास पर काम कर चुकी हैं लेकिन वहां से इसे क्यों हटाया गया यह भी एक रहस्य का विषय है। इस महिला सफाई कर्मचारी के बारे में जब ग्रामीणों से पूछा गया तो ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व यह ग्राम प्रधान के घर दिखाई दी थी उससे पहले जब कोई जांच होती थी या कोई जांच अधिकारी आता था तो यह दिख जाती थी। सूत्रों की मानें तो महिला सफाई कर्मचारी और जिला पंचायत राज अधिकारी के मध्य विवाद छेड़छाड़ का नहीं है कुछ अन्य ही कारण है। कारण जो भी हो कुल मिलाकर जनपद के पत्रकार बंधु के लिए एक तगड़ी खबर थी और भाई लोगो ने जमकर गर्दा गर्दा मचाया। वैसे इस पुरे कहानी में 28 फरवरी का विषेश महत्त्व है, इसी डेट को एडीओ पंचायत, डीपीआरओ को पत्र भेजते हैं और डीपीआरओ स्पष्टीकरण हेतू महिला सफाई कर्मचारी को पत्र निर्गत करते हैं और इसी डेट को ग्राम प्रधान द्वारा महिला सफाई कर्मचारी के खिलाफ स्थानीय थाना में तहरीर दिया गया है।

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