उत्तर प्रदेशगाजीपुरज़मानियाप्रशासनिक

एक दशक से प्यासी है बरूईन गांव की जनता, पेयजल संकट पर उबले ग्रामीण

जमानियां। विकासखंड अंतर्गत बरूईन गांव के ग्रामीणों का सब्र अब जवाब दे रहा है। भीषण गर्मी के इस दौर में जहां पारा 44 डिग्री को पार कर चुका है, वहीं बरूईन गांव के लोग पिछले बीस वर्षों से शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। गांव में वर्षों पूर्व पानी की टंकी तो बना दी गई, पाइपलाइन बिछाने का कार्य

अधूरा ही छोड़ दिया गया, लेकिन आज तक एक बूंद पानी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पाया।स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस गंभीर समस्या की ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे गांव में भारी आक्रोश व्याप्त है।

ग्रामीणों का कहना है कि बरूईन पिछले पांच दशकों से आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र घोषित है, इसके बावजूद यहां पेयजल के वैकल्पिक स्रोतों की व्यवस्था नहीं की गई, जो सरकारी उदासीनता और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। ग्रामीण अजय सिंह, सोनू सिंह, अमरनाथ सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक कई बार ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो पूरा गांव धरना-प्रदर्शन को बाध्य होगा। गांव की इस विकट समस्या पर नवागत जिलाधिकारी की प्रतिक्रिया का ग्रामीणों को इंतजार है। सवाल यह है कि प्रशासन इस समस्या पर धरने से पहले सक्रिय होता है या फिर जन आंदोलन के बाद जागेगा?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page