प्रकृति के इशारे पर जो चले वही जीवात्मा-पूज्य श्री श्री धीरूभाई जी महाराज

जमानियाँ(गाजीपुर)। क्षेत्र के ग्राम डेवढ़ी में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन रविवार को वृन्दावन से पधारे कथा वाचक पूज्य श्री श्री धीरू भाई जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के कथा को सुनाकर भक्तजनों को आत्मविभोर कर दिया।
उन्होंने भक्तजनों को कथा का अमृत पान कराते हुए कहा कि भाव से श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जीवात्मा का कल्याण होता है। प्रकृति के इशारे पर जो चले वह जीवात्मा तथा प्रकृति जिसके इशारे पर चले उसे परमात्मा कहते है। भगवान श्री कृष्ण का गृहस्थी सुखमय व शांति से परिपूर्ण था। भगवान के गहस्थी से सभी को सीखने की जरूरत है। गृहस्थ जीवन में जिस मनुष्य का वाणी और आचरण संतुलित होता है उसी का जीवन सुखमय होता है। ईश्वर से जुड़ाव ही शांति का महत्वपूर्ण मार्ग है।
उन्होंने श्री कृष्ण-सुदामा की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण व सुदामा की मित्रता अतुलनीय थी। क्योंकि उनकी मित्रता में स्वार्थ का लेश मात्र भी स्थान नहीं था। जहाँ मित्रता में स्वार्थ आ जाता है वह मित्रता स्थाई नहीं हो पाती। वर्तमान युग में फेसबुक पर हजारों मित्र है लेकिन दुःख में पांच भी मित्र काम नहीं आयेगे। विश्वास व लिप्सा रहित मित्रता ही स्थाई हो सकती है। उत्तम कर्म व संतोष के द्वारा ही जीवन को सुखमय व आनंदित बनाया जा सकता है। भक्तों को कथा पान कराने के बाद बरसाने की फूलों की होली खेली गई। जिसमें सभी भक्तों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। आयोजन समिति के सदस्य हरेंद्र सिंह ने बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ 05/05/2025 से आरंभ होकर दिनांक 12/05/2025 को भण्डारे और प्रसाद वितरण के साथ सम्पन्न होगा। इस कथा ज्ञान यज्ञ में समस्त ग्राम वासियों का सहयोग निरन्तर मिल रहा है। उक्त अवसर पर पूर्व प्रधान बबलू सिंह, शिक्षक सुरेन्द्र सिंह, सुशील सिंह, कैलाश सिंह, अरविन्द सिंह, अयोध्या सिंह, सतीश तिवारी, अभिषेक सिंह, विनोद सिंह, जनार्दन सिंह पप्पू, पंकज सिंह,राहुल सिंह डेढ़ावल सहित हजारों क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
