दम तोड़ता थाना समाधान दिवस, घटती फरियादियों की संख्या ने खड़े किए सवाल

जमानिया। शनिवार को कोतवाली परिसर में थाना समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दराज से आए कुछ फरियादियों ने अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखीं। हालांकि समाधान दिवस की यह बैठक सुस्त और बेरौनक रही। फरियादियों की घटती संख्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या अब रामराज आ गया है, जहां लोगों को कोई समस्या ही नहीं है, या फिर आमजन पुलिस से डरकर अपनी फरियाद लेकर कोतवाली तक नहीं पहुंच पा रहे हैं?
समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहीं उपजिलाधिकारी ज्योति चौरसिया ने महज चार फरियादियों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायतों का निस्तारण तय समय सीमा के भीतर और पूरी गुणवत्ता के साथ किया जाए। प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि थाना समाधान दिवस का उद्देश्य जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है, जिससे उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। लेकिन जिस तरह से फरियादियों की उपस्थिति कम होती जा रही है, वह कहीं न कहीं व्यवस्था की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा कर रही है। कार्यक्रम के दौरान बीडीओ बृजेश अस्थाना, नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार, चौकी प्रभारी अशोक सिंह, चौकी प्रभारी अजय यादव, राजस्व कर्मी राजकुमार, विजय कुमार, अशोक कुमार राम समेत अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि समाधान दिवस सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया है। न तो यहां समस्याओं का ठोस हल निकलता है और न ही फरियादियों को संतुष्टि मिलती है। ऐसे में लोगों का विश्वास भी धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। समस्या के समाधान के लिए जहां एक ओर प्रशासनिक सक्रियता की आवश्यकता है, वहीं जनता को भी जागरूक होकर अपने हक की आवाज बुलंद करनी होगी।