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अमान्य विद्यालयों पर कार्रवाई का दावा कागजों में,शिक्षा विभाग की उदासीनता उजागर

जमानिया। शिक्षा विभाग द्वारा अमान्य विद्यालयों पर शिकंजा कसने के दावे हकीकत में खोखले साबित हो रहे हैं। 2 अगस्त को खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) राजीव कुमार यादव ने क्षेत्र के कई बिना मान्यता वाले विद्यालयों पर छापेमारी कर तत्काल बंद कराने और जुर्माना लगाने की बात कही थी। लेकिन मात्र नौ दिन बाद ही विभाग की कार्रवाई की पोल खुल गई।

शनिवार को त्रिनेत्र न्यूज़ की टीम ने तियरी और कर्महारी के उन विद्यालयों का निरीक्षण किया, जिन्हें पूर्व में बंद कराने के निर्देश दिए गए थे। हैरानी की बात यह रही कि ये विद्यालय आज भी धड़ल्ले से संचालित हो रहे थे। यही नहीं, आधा दर्जन से अधिक अमान्य विद्यालय भी खुले मिले, जहां नियमों की जमकर अनदेखी हो रही थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की कार्रवाई केवल कागजों में सिमटकर रह गई है। इससे न केवल सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं, बल्कि बच्चों का भविष्य भी खतरे में पड़ रहा है।कुछ विभागीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभाग का चपरासी जो कि विभाग का है भी नहीं मगर हर बीईओ का चहेता बन लगातार गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय से सेटिंग और अधिकारियों के लिए धन उगाही का काम करता है। चेतावनी और नोटिस के बावजूद अमान्य विद्यालयों का खुलेआम संचालन, शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।इस संबंध में बीईओ राजीव कुमार यादव ने बताया कि अभी इस तरह की कोई सूचना नहीं है,अगर ऐसा पाया जाता है तो कार्यवाही की जाएगी,

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