उत्तर प्रदेशगाजीपुरप्रशासनिक

पत्रकार की गिरफ्तारी पर रोक हाईकोर्ट ने कहा स्थानीय रंजिश के चलते दर्ज की गई पत्रकार के ऊपर एफआईआर,

दीपक कुमार पाण्डेय, (अधिवक्ता उच्च न्यायालय)

दीपक कुमार पाण्डेय, अधिवक्ता उच्च न्यायालय की प्रभावशाली पैरवी से पत्रकार को मिला न्याय


गाज़ीपुर | पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय तेजतर्रार अमित उपाध्याय को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गाज़ीपुर जनपद के करंडा थाना में दर्ज एफआईआर (संख्या 0129/2025) के आधार पर उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह राहत दीपक कुमार पाण्डेय, अधिवक्ता उच्च न्यायालय और उदय शंकर चौहान की प्रभावशाली और तथ्यपरक कानूनी पैरवी से संभव हो सकी। न्यायालय ने प्रथम दृष्टया यह माना कि एफआईआर स्थानीय रंजिश के चलते दर्ज की गई है, अतः मामले की गंभीरता को देखते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं अनिल कुमार-X की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई तक या पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक अमित उपाध्याय को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है।
न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है, जबकि याचिकाकर्ता को दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने का अवसर दिया गया है।
कानूनी दृष्टि से यह आदेश एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, जो प्रेस की स्वतंत्रता और न्याय की पहुंच को सशक्त करता है।
अधिवक्ता दीपक कुमार पाण्डेय ने इसे सत्य की विजय और कानून के उचित प्रयोग का उदाहरण बताया।
इस पर पत्रकार अमित उपाध्याय ने कहा मुझे फंसाने के लिए बहुत बड़ी षड्यंत्र रची गई है उन्होंने कहा कि हमारे इस न्याय की ओर बढ़ते कदम और  प्रेस की स्वतंत्रता की लड़ाई में दिव्य लोक राष्ट्रीय पत्रकार संघ का भी बड़ा योगदान रहा है। इस न्यायिक लड़ाई को संभव बनाने में संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.एन. शर्मा, राष्ट्रीय सचिव रजत श्रीवास्तव, तथा मुख्य संरक्षक राजेश चौबे सहित अन्य सभी पदाधिकारियों का अमूल्य सहयोग रहा है। मैं सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page