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प्रधानाध्यापिका को दी गई भावपूर्ण बिदाई

जमानिया। समय भले ही बदलता हो, पर कुछ लोग अपने कर्म और व्यक्तित्व से ऐसा प्रभाव छोड़ जाते हैं कि उनके जाने के बाद भी उनकी उपस्थिति महसूस होती रहती है। राजकीय हाईस्कूल मधुबन की प्रधानाध्यापिका शिवा गुप्ता का सेवानिवृत्त होना ऐसा ही एक भावनात्मक अवसर बन गया, जिसे शब्दों में समेटना आसान नहीं।
बुधवार को विद्यालय परिसर भावनाओं के सागर में डूबा रहा, जब शिवा गुप्ता को उनकी अद्धिवर्षिता आयु पूर्ण होने पर भावपूर्ण विदाई दी गई। पूरे विद्यालय परिवार ने उन्हें स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र और माल्यार्पण के साथ सम्मानित किया, पर इस औपचारिक विदाई के पीछे छिपी भावनाओं की गहराई कहीं अधिक बड़ी थी। प्रधानाध्यापक सरिता जायसवाल ने नम आँखों से कहा कि शिवा मैम ने न सिर्फ बच्चों को शिक्षा दी, बल्कि हमें भी समर्पण, निष्ठा और सच्चे नेतृत्व का अर्थ समझाया। उनका योगदान शब्दों से परे है। शिवा गुप्ता ने अपनी सेवा यात्रा को याद करते हुए बताया कि उन्होंने 2 सितंबर 1996 को राजकीय हाईस्कूल कछिया बस्ती से अपनी सेवाएं आरंभ की थीं। इसके बाद 1998 में उनका स्थानांतरण राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, जमानिया में हुआ, जहां उन्होंने 29 वर्षों तक अपना जीवन विद्यालय और छात्राओं के नाम कर दिया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए वे कई बार भावुक हुईं। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में मैंने केवल पढ़ाया नहीं, बल्कि हर छात्रा के साथ एक रिश्ता बनाया। आज जब पीछे मुड़कर देखती हूँ, तो ये 29 साल एक परिवार के साथ बिताए समय जैसे लगते हैं। विदाई समारोह में छात्राओं ने भी अपने प्रिय मैम को विदाई देते हुए आँसू बहाए और उन्हें फूलों, अंगवस्त्रों और स्मृति चिह्नों से सम्मानित किया। मंच पर जब छात्राओं ने भावनात्मक गीत गाया, तो माहौल में सन्नाटा छा गया और कई आँखें नम हो गईं। ज्ञात हो कि शिवा गुप्ता का स्थानांतरण मधुवन राजकीय हाईस्कूल में प्रधानाध्यापिका पद पर हुआ था। जहां से वह तीन दिन बाद सेवानिवृत्त हो गई। इस अवसर पर नेहा वर्मा, अंजली झा, संगीता, डॉ. ड्रक्षा बानो, अपराजिता, संजय सिंह, अजय गुप्ता, संतोष जायसवाल, श्याम सुंदर, रमाशंकर, श्रद्धा त्रिपाठी‚राजेश विश्वकर्मा सहित कई शिक्षक, कर्मचारी और छात्राएं उपस्थित थीं। शिवा गुप्ता का जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनकी शिक्षाएं, उनका स्नेह और उनका समर्पण हमेशा विद्यालय की आत्मा में जीवित रहेगा।

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