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जमानिया ब्लॉक बना भ्रष्टाचार का अड्डा, सरकारी फाइलें प्राइवेट लोगों के हवाले, खुलेआम चल रही उगाही की दुकान

जमानिया( गाज़ीपुर) प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति सहित सरकारी नियमों और उच्चाधिकारियों के निर्देशों की खुली अवहेलना करते हुए जमानिया ब्लॉक कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है। मनरेगा सहित अन्य विकास योजनाओं की अहम फाइलें गैर-कानूनी रूप से प्राइवेट लोगों के हवाले कर दी गई हैं, जिनके जरिए बाबू और कर्मचारी योजनाओं के भुगतान और स्वीकृति में मोटी रकम की धन उगाही कर रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों और जनप्रतिनिधियों के अनुसार, यह ‘सिस्टम’ वर्षों से चला आ रहा है, जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक की सांठगांठ है। कई ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य, नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि “हर फाइल पर 8 से 14 प्रतिशत तक की अवैध वसूली की जाती है।
बताया जा रहा है कि ब्लॉक कार्यालय में तैनात एक तथाकथित ‘बाबू’ प्राइवेट युवकों के माध्यम से न सिर्फ योजनाओं का काम करवाता है, बल्कि हर कार्य के पीछे तयशुदा कमीशन भी इन्हीं लोगों के द्वारा वसूलवाया जाता है। फाइलों की जांच, स्वीकृति, भुगतान, मजदूरी लिस्ट सब कुछ अब प्राइवेट हाथों में है।
यह सारा खेल ब्लाक के उच्चाधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यदि जांच हो तो करोड़ों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है।
अब देखना यह है कि शासन और प्रशासन इस गंभीर अनियमितता पर कब तक मौन रहता हैं, या कोई सख्त कदम उठाया जाएगा। इस सम्बन्ध में बीडीओ बृजेश कुमार अस्थाना ने बताया कि ब्लॉक में कोई भी प्राइवेट कर्मचारी नहीं है,जो भी हैं वो संविदाकर्मी है

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