
जमानिया। कहते हैं कि कभी-कभी एक तस्वीर हजारों शब्द कह जाती है। ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों जमानियां तहसील परिसर में शनिवार को देखने को मिली, जो सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के बीच का फर्क साफ बयां कर रही है।
छुट्टा पशु को लेकर प्रदेश सरकार समय-समय पर फरमान जारी करती है कि आवारा पशुओं को सड़क और सार्वजनिक स्थलों से हटाया जाए। इसके बावजूद जमानियां तहसील के मुख्य गेट के पास, जहां एसडीएम और थानेदार की सरकारी गाड़ियां खड़ी रहती हैं, उसी स्थान पर छुट्टा पशु बेखौफ घूमते नजर आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस दृश्य को देखकर भी न नगर पालिका प्रशासन, न विकास खंड अधिकारी, न तहसील प्रशासन और न ही थाना पुलिस कोई गंभीरता दिखा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि छुट्टा पशुओं की वजह से आमजन को आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है। तहसील और थाने जैसे महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों के मुख्य द्वार पर इस तरह की लापरवाही प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। जनता ने प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि छुट्टा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाए, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके और सरकारी फरमान केवल कागजों तक ही सीमित न रह जाए। अधिकारियों का मौन कई सवाल खड़ा कर रहा है।