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गाजीपुर में करंडा थाना प्रभारी की मनमानी! पत्रकारों को कराया घंटों इंतजार, लोकतंत्र का किया अपमान

गाजीपुर। करंडा थाना परिसर में रविवार को थानाध्यक्ष महेंद्र सिंह की मनमानी ने लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर दिए।
स्थानीय पत्रकार किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने थाना पहुंचे थे, लेकिन थानाध्यक्ष महोदय ने न मिलने की जहमत उठाई, करीब साढ़े दस बजे फोन काल पर वार्ता करने पर उन्होंने आते हैं, का ज़बाब दिया। चिलचिलाती धूप में पत्रकारों द्वारा थाना परिसर में चलकर आना और न मिलना अपमान है।
पत्रकारों का कहना है कि थानाध्यक्ष अपने कमरे में मौजूद थे, फिर भी पत्रकारों से मिलने से साफ इंकार कर दिया। इससे पत्रकारों में भारी नाराजगी है।
पत्रकारों ने इसे प्रेस की अवहेलना और सत्ता के नशे में चूर मानसिकता का नतीजा करार दिया है।
स्थानीय पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी थाना प्रभारी के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि करंडा थाना में न संवाद बचा है, न ही जवाबदेही। सवाल उठता है कि जब जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?


पत्रकार बोले: अब नहीं सहेंगे अपमान!

थाना करंडा परिसर में हुए अपमानजनक व्यवहार के बाद स्थानीय पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश है।
संवाददाताओं ने साफ कहा कि अब चुप नहीं बैठेंगे।
“हम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं। अगर हमें ही यूं अपमानित किया जाएगा तो आम जनता की आवाज कौन उठाएगा?”
एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे जिले में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
पत्रकारों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे अब अपने सम्मान की लड़ाई सड़क पर लड़ने को तैयार हैं।

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