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भृकुटि तनी हुई थी आंखों से वो लाल था, अब्दुल हमीद गाजीपुर का लाल था

दिलदारनगर (गाजीपुर) : नगर के रामलीला मैदान में मंगलवार की रात पत्रकार संघ की ओर से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।

गर्मी की तपिश के बीच कवियों को सुनने में श्रोताओं ने उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत किया।कवियों ने राजनीति,सामाजिकता, आतंकवाद पर कविताओं के माध्यम से प्रहार कर स्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।मुख्य अतिथि सपा नेता मन्नू सिंह व  विशिष्ठ अतिथि रंग नाथ सिंह व नपा चेयरमैन जमानियां जय प्रकाश गुप्ता रहे।अतिथि,कवि,पत्रकारों व समाजसेवियों को आयोजक ने स्मृति चिंह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।
       कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से मिर्जापुर से पहुंची कवित्री पूनम श्रीवास्तव ने किया।इसके बाद वीर रस के कवि हेमंत निर्भीक ने सुनाया की भृकुटि तनी हुई थी आंखों से वो लाल था, नींद कैसे आए जब देश का सवाल था, अब्दुल हमीद गाजीपुर का लाल था’ सुनाकर वाहवाही लूटी। इसके बाद मिर्जापुर से पहुंची कवित्री पूनम श्रीवास्तव ने मैं जान हूं गुलशन की फूलों की सहेली हूं, रास्तों के बवंडर में मैं मीत अकेली हूं…सुनाकर पूरी महफिल की तालियां बटोरीं।वही वाराणसी से पहुंचे हास्य कवि नागेश शांडिल्य ने अखबारों में एक समाचार रहता है जरूर दो बच्चे की मां दो बच्चों के पिता के संग फुर्र.. तथा प्राइमरी स्कूलों की दशा पर व्यंग्य रचना पढ़कर जमकर बाहबाही लूटी। सिवान बिहार के अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि सुनील तंग वफा को मैं जफा लिखूं जफा को मैं वफा लिखूं,सुलगती धूप की किरणों को सावन की घटा लिखूं,मेरी मजबूरीयों को तू जो चमचा नाम देता है,बता इस दौर में यह न लिखूं तो क्या लिखूं सुनकर खूब वाह वाही लूटी।हास्य कवि शंकर कैमुरी ने सुनाया की बद से बदतर कभी हालात न होने देंगे,जहर आलूद ख्यालात ना होने देंगे ,भाई चारे के मोहब्बत का सहारा लेकर किसी शहर को गुजरात न होने देंगे सुनकर युवाओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।इसके बाद हास्य कवि फाहित गहमरी ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से स्रोताओं को खूब गुदगुदाया।खुर्शीद दिलदारनगरी ने भी अपना कलाम पेश किया।आभार वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने जताया।संचालन कवि शंकर तैमूरी ने किया।इस मौके ,डॉ रविंद्र उपाध्ययाय,डॉ शिव प्रताप सिंह,रणजीत यादव,व्पायार मंडल अध्यक्ष गोपाल वर्मा,प्रवीण जायसवाल,राधेश्याम जायसवाल,विनोद वर्मा,सदानंद साहू आदि लोग रहे।

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