स्टेशन बाजार में अतिक्रमण से फिर बेकाबू हालात, सब्जी के थोक/फुटकर विक्रेताओं की मनमानी से जाम चरम पर

जमानिया। प्रशासन की चेतावनी और कार्रवाई के बावजूद स्टेशन बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण फिर से सिर चढ़कर बोलने लगा है। सबसे अधिक परेशानी सब्जी के थोक विक्रेताओं की वजह से हो रही है, जो न केवल नाली और सड़क पर कब्जा जमाए बैठे हैं, बल्कि भारी वाहनों को घंटों तक सड़क पर खड़ा कर देते हैं। इससे प्रतिदिन जाम की स्थिति गंभीर हो गई है और आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
2 जून को एसडीएम ज्योति चौरसिया के नेतृत्व में बरेसर नहर से राधा कृष्ण मंदिर मार्ग तक अतिक्रमण हटाने के लिए सघन अभियान चलाया गया था। उस समय प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी थी कि दोबारा अतिक्रमण करने पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई होगी। परंतु कुछ ही दिनों बाद सब कुछ फिर पुराने ढर्रे पर लौट आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या सब्जी मंडी क्षेत्र के थोक विक्रेताओं से है। ये व्यापारी सुबह से लेकर दोपहर तक भारी मालवाहक वाहन – ट्रक, पिकअप और मिनी लोडर – सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं, जिससे पूरा मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। इसके चलते स्कूली बच्चों, एंबुलेंस, दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों तक को रास्ता पार करना मुश्किल हो जाता है। गांधी चौक से लेकर गल्ला मंडी और राधा कृष्ण मंदिर मार्ग तक अतिक्रमण ने यातायात व्यवस्था को पूरी तरह से जकड़ लिया है। कई बार लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि थोक विक्रेता न केवल सड़क पर सामान फैलाते हैं बल्कि कुछ दुकानदारों ने तो स्थायी रूप से नाली को भी पाट दिया है। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि प्रशासन सिर्फ एक दिन आता है, फोटो खिंचवाता है और चला जाता है। उसके बाद ये थोक विक्रेता फिर से अपनी मनमानी शुरू कर देते हैं। जब तक रोज निगरानी और चालान नहीं होगा, तब तक स्थिति सुधरने वाली नहीं है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या प्रशासन सब्जी मंडी क्षेत्र में पुनः सख्त अभियान चलाएगा या फिर यह कार्रवाई भी पहले की तरह कागजी साबित होगी? जनता की मांग है कि केवल जेसीबी चलाने से समाधान नहीं होगा, बल्कि स्थायी सुधार के लिए ठोस व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती और नियम तोड़ने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है। जब तक प्रशासन अपनी चेतावनियों को अमल में नहीं लाता, तब तक स्टेशन बाजार की जाम और अराजकता से राहत मिलना मुश्किल दिख रहा है।