तेरही का भोजन बनाने में सिलिंडर लीक होने से आग का गोला बने लोग, 2 मासूम समेत 9 झुलसे, सभी रेफर

गाजीपुर। खानपुर थानाक्षेत्र के करमपुर गांव में तेरहवीं संस्कार के भोज के लिए भोजन बनाने के दौरान एलपीजी सिलिंडर में रिसाव के चलते भीषण आग लग गई। जिससे मृतका के पुत्रों सहित नाती, पोते, कारीगर आदि गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के बाद मौके पर अफरातफरी के साथ भगदड़ मच गई और सभी चीखते चिल्लाते हुए वहां से भागे। इसके बाद सभी घायलों को फौरन सैदपुर सीएचसी लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। गांव निवासी तेजू राजभर की पत्नी राजदेई देवी का बीते दिनों निधन हो गया था। सभी संस्कारों को पूर्ण करने के बाद शुक्रवार को तेरहवीं संस्कार था। जिसके चलते सुबह से ही घर में तैयारियां हो रही थीं और दोपहर से ही भोजन बनाना शुरू हो गया। इस बीच घर के गलियारे में ही घरेलू गैस सिलिंडर रखकर खाना बनाया जा रहा था। खाना बनाने का ठेका निषिद्धिपुर निवासी हलवाई 60 वर्षीय शंकर पाल पुत्र सतिराम ने लिया था और वो अपने सहयोगी कारीगर विक्रमपुर निवासी 60 वर्षीय जोखन गोंड पुत्र बनारसी व 45 वर्षीय जोखन राजभर पुत्र टेंगरी निवासी भदैला के साथ वहां पहुंचकर खाना बना रहे थे। इस बाबत खाना बना रहे जोखन ने बताया कि उन्होंने सिलिंडर से रेगुलेटर निकाल दिया। इसके बावजूद सिलिंडर के अंदर का पिन स्वतः ही बाहर नहीं आया, जिसके चलते अंदर से गैस निकलती रह गई। इस बीच जैसे ही किसी ने आग जलाई, मौके पर हवा में भर चुके ज्वलनशील एलपीजी गैस भभक उठी और वहां मौजूद 2 मासूमों सहित कुल 9 लोगों को अपने जद में ले लिया। अगलगी में कारीगर शंकर व उसके दोनों सहयोगियों सहित मृतका राजदेई के दो पुत्र 48 वर्षीय रूपेश राजभर रूपा पुत्र तेजू व 50 वर्षीय दिनेश राजभर पुत्र तेजू, मां की तेरहवीं में मायके आई महिला का 9 साल का पुत्र अंकित पुत्र स्वामीनाथ निवासी सादात, 60 वर्षीय किस्मती देवी पत्नी रामू, उनका 4 साल का पोता आर्यन पुत्र नीरज व 50 वर्षीय मनोज राजभर गंभीर रूप से झुलस गए। मौके पर चीख पुकार मचने के बाद हड़कंप मच गया। संयोग अच्छा था कि आग लगने के बावजूद सिलिंडर ब्लास्ट नहीं हुआ, अन्यथा बहुत बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। गंभीर रूप से झुलसे सभी घायलों को फौरन सीएचसी लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इधर घटना के बाद परिजनों ने आक्रोश जताया कि आखिर रेगुलेटर निकालने के बावजूद सिलिंडर का पिन अपने आप ही बाहर क्यों नहीं आया, अगर सिलिंडर मानक के अनुरूप होता तो रेगुलेटर निकलते ही पिन अपने आप अपनी जगह पर आ जाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके चलते ये आग लग गई। इधर घटना के बाद परिजनों में चीख पुकार मची हुई है।